“धन मतलब मूल्यवान चीज, इसका यह अर्थ निकलता है की, पशुधन मतलब मूल्यवान पशु |”
आज के युग में पशुधन किसान का धन कमाने का एक महत्त्वपूर्ण जरिया है | लेकीन पशुधन संभालते समय यह खयाल रखना चाहिये कि, इसकी देखभाल अच्छे से हो | पशु स्वास्थ्य देखभाल पशुपालन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। पशु बात नहीं कर सकते, लेकिन वे संवाद कर सकते हैं। इसलिए उनके संवाद की पहचान करना बहुत महत्वपूर्ण है। उसके लिए वक्त वक्त पर अगर पशु कि बिमारी की ओर ध्यान दिया जाए तो पशुधन का भारी नुकसान होने से बचा जा सकता है | और इसके लिए अगर हमे कुछ औषधियों की जानकारी हो तो बहुत आसानी से इलाज करा सकते है |
तो इसके लिए हम आपको कुछ पशु औषधियों का विवरण दे रहे है |
पशुओं की औषधियां
- जीवाणु रोधक
- फिनाइल :-
पहचान :– कत्थई रंग, विशेष गंध युक्त तरल पदार्थ होता है । जिसे पानी में घोलने पर सफेद रंग का हो जाता है ।
उपयोग :– जीवाणुरोधक व जीवाणुनाशक के रूप में ।
प्रयोग विधि –
- पशुशाला के फर्श एवं नालियों की सफाई हेतु एक प्रतिशत घोल का उपयोग करते हैं ।
- खुरपका मुहंपका रोग में खुरों को धोने हेतु एक प्रतिशत घोल का उपयोग करते हैं ।
- परजीवियों करने हेतु एक – दो प्रतिशत घोल का उपयोग करते हैं ।
- शरीर के घाव को धोने के लिए एक प्रतिशत घोल का उपयोग करते हैं ।
2 .कार्बोलिक एसिड / फिनॉलः
पहचान :– सफेद, कणदार, मीठे स्वाद तथा तीखी गंध वाला पदार्थ होता है । यह पानी एल्कोहल ईथर तथा ग्लीसरीन में घुलनशील होता है ।
उपयोग :– जीवाणु रोधक व जीवाणुनाशक के रूप में
प्रयोगविधि :-
- सांप व कुते के काटे गए स्थान पर प्रयोग किया जाता है ।
- पशुशाला की सफाई हेतु पांच प्रतिशत घोल काम में लेते है ।
- एक प्रतिशत घोल का प्रयोग घावों को धोने के लिए किया जाता है ।
- जू, पिस्सू एवं क्लिानया का मारने के लिए दो प्रतिशत धाल का प्रयोग किया जाता है ।
3 .लाल दवा / KMn04 ( पोटेशियम परमैग्नेट ) :
पहचान :-
- गहरे बैंगनी रंग का कणदार पदार्थ, गंधहीन पदार्थ
- स्वाद में मीठा एवं कसैलाहोता है।
- पानी में घोलने पर रंग लाल हो जाता है ।
उपयोग :– जीवाणु रोधक एवं जीवाणुनाशक
प्रयोगविधि :-
- एक प्रतिशत घोल का प्रयोग पशुशाला के उपकरणों, यंत्रों एवं हाथों को जीवाणु रहित करने मेंकिया जाता है ।
- सांप के काटे गए दिया जाता है ।
- घावों को धोने के लिए एक प्रतिशत घोल का प्रयोग करते हैं ।
- एक प्रतिशत घोल आंतरिक परजीवियों को नष्ट करने के लिए करते हैं ।
लाइसौल :-
- पहचान :– यह भूरे रंग का द्रव होता है ।
- जो पानी में घोलने पर सफेद भूरा हो जाता है ।
उपयोग – जीवाणु रोधक एवं जीवाणुनाशक, विषनाशक
प्रयोग विधि :-
- पशुशाला के फर्श नलियों एवं दीवारों को जीवाणु रहित करने हेतु एक – दो प्रतिशत घोल का प्रयोग किया जाता है ।
- चिकित्सा के उपकरणों को धोने हेतु एक – दो प्रतिशत घोल का उपयोग किया जाता है
- एक प्रतिशत घोल का उपयोग घावों को धोने में किया जाता है ।
- गर्भाशय को धोने के लिए एक – दो प्रतिशत घोल का प्रयोग किया जाता है ।
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