केंद्र सरकार देश में बागवानी पशु पालन, मछली पालन पोल्ट्री और मधुमक्खी पालन जैसे कृषि उद्यम को सरकार प्रोत्साहन दे रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने बागवानी, पशु पालन और मछली पालन को भी कृषि क्षेत्र का महत्त्व पुर्ण हिस्सा मान लिया है। इसके कारण ही भारत मे कृषि क्षेत्र की नई क्रांती होने जा रही है | और इस लिये भारत कूच ही दिनो मे कृषि कि सफलतावो की ऊंचाइयों को छुयेगा। इसी के तहत अब इनसे जुड़े लोगों को किसानों की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। उन्हें किसानों को मिलने वाली सभी सुविधाएं दी जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर में रविवार को आयोजित किसान रैली में उनके लिए घोषित योजनाओं का शुभारंभ भी किया। इसके साथ ही इन क्षेत्रों के लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) देने की राष्ट्रव्यापी योजना की शुरुआत हो गई है।
प्रधानमंत्री ने गोरखपुर में सौंपे किसान क्रेडिट कार्ड
कृषि क्षेत्र में बागवानी करने वाले, पशुपालन और मत्स्य पालन करने वालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर की रैली में पहली बार किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) सौंपे। इन्हें भी किसान मानते हुए सरकार ने उनके केसीसी पर दो लाख रुपये तक की अधिकतम सीमा निर्धारित की है। पशुपालन करने वालों के साथ मछुआरों को अभी तक किसी भी तरह लोन लेने पर बैंक सामान्य ब्याज दर लागू करते थे। लेकिन अब ऐसे लोगों को भी किसानों को मिलने वाली सभी तरह की योजनाये दी जाएंगी।
सरकार किसानों को कम ब्याज दरो पर कृषिलोन देती है। जब कि खेती के साथ बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन में लगे लोगों को कृषि क्षेत्र का हिस्सा नहीं माना जाता था। इसकी वजह से उन्हें बैंकों से बहोत जादा दरों पर कर्ज (लोन) मिलता था, उसके कारण उन्हें अपना कारोबार करने में मुश्किलों क सामना करणा पडता था। जबकि खेती बाड़ी में पशुपालन और मत्स्य पालन इन क्षेत्रों की हिस्सेदारी 40 फीसद के आसपास है।
किसानों की आमदनी बढ़ाकर दो गुना करने में मिलेगी मदद
किसानों की आमदनी वर्ष 2022 तक दो गुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इन क्षेत्रों को पर्याप्त योजनाये दी गई है।
मत्स्य पालन
देश में मत्स्य पालन की अपार संभावनाएं हैं। लाखों किमी लंबाई की नहरें व नदियों के साथ लाखों की संख्या में झीलें व जलाशय हैं। इसके साथ साढ़े सात हजार किमी लंबाई के समुद्री तट हैं, जहां समुद्री मछली मारने की सुविधा है। इनका लाभ उठाया जा सकता है।
कृषि की विकास दर को छह फीसदी तक पहुंचाने के लिए कृषि से संबद्ध इन क्षेत्रों पर जोर देना होगा, जिसकी शुरूवात केंद्र सरकार ने कर दी है। देश में बागवानी, पशु पालन, मछली पालन, पोल्ट्री और मधुमक्खी पालन जैसे कृषि उद्यम (उद्योग) को सरकार प्रोत्साहन दे रही है। इसका उद्देश्य किसानों की आमदनी और उनका सही विकास को बढ़ाना और कृषि क्षेत्र को लाभ का सौदा बनाने का फैसला किया है।