• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Saturday, March 6, 2021
  • Login
Krushi Samrat
  • होम
  • शेती
  • शेतीपुरक उद्योग
  • शासकीय योजना
  • यशोगाथा
  • कायदा
  • अवजारे
  • तंत्रज्ञान
  • हवामान
  • व्हिडिओ
  • हिन्दी
No Result
View All Result
  • होम
  • शेती
  • शेतीपुरक उद्योग
  • शासकीय योजना
  • यशोगाथा
  • कायदा
  • अवजारे
  • तंत्रज्ञान
  • हवामान
  • व्हिडिओ
  • हिन्दी
No Result
View All Result
Krushi Samrat
No Result
View All Result
Home हिन्दी

ऐसे करे खरबूजा की खेती…

Team Krushi Samrat by Team Krushi Samrat
February 15, 2019
in हिन्दी
0
ऐसे करे खरबूजा की खेती…
Share on FacebookShare on WhatsApp

यह भारत की महत्तवपूर्ण सब्जियों वाली फसल है। इसे कईं अच्छी मानी जाने वाली किस्मों की मां भी माना जाता है। खरबूजा इरान, अनाटोलिया और अरमीनिया का मूल है। खरबूजा विटामिन ए और विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है। इसमें 90 प्रतिशत पानी और 9 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट होते हैं। भारत में खरबूजा उगाने वाली सब्जियों में पंजाब, तामिलनाडू, महांराष्ट्र और उत्तर प्रदेश भी शामिल है।

 

मिट्टी

इसे गहरी उपजाऊ और अच्छे जल निकास वाली मिट्टी में उगाया जाता है। अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी में उगाने पर यह अच्छे परिणाम देती है। घटिया निकास वाली मिट्टी खरबूजे की खेती के लिए उपयुक्त नहीं होती। फसली चक्र अपनायें क्योंकि एक ही खेत में एक ही फसल उगाने से मिट्टी के पोषक तत्वों, उपज में कमी और बीमारियों का हमला भी ज्यादा होता है। मिट्टी की पी एच 6-7 के बीच होनी चाहिए। खारी मिट्टी और नमक की ज्यादा मात्रा वाली मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं होती।

 

प्रसिद्ध किस्में और पैदावार

 

हरा मधु : यह देरी से पकने वाली किस्म है। इसके फल का आकार गोल और बड़ा होता है। फल का औसतन भार 1 किलोग्राम होता है। छिल्का हल्के पीले रंग का होता है। टी एस एस की मात्रा 13 प्रतिशत होती है और स्वाद में बहुत मीठा होता है। बीज आकार में छोटे होते हैं। यह सफेद रोग को सहनेयोग्य होता है। इसकी औसतन पैदावार 50 क्विंटल प्रति एकड़ होता है।

 

पंजाब सुनहरी : यह हरा मधु किस्म के 12 दिन पहले पक जाती हैं फल का आकार गोल, जालीदार छिल्का और रंग हल्का भूरा होता है। इसका औसतन भार 700-800 ग्राम होता है। इसका आकार मोटा और रंग संतरी होता है। टी एस एस की मात्रा 11 प्रतिशत होती है। यह फल की मक्खी के हमले को सहनेयोग्य है। इसकी औसतन पैदावार 65 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।

 

पंजाब हायब्रीड : यह जल्दी पकने वाली किस्म है। इसका फल जालीदार छिल्के वाला हरे रंग का होता है। इसका आकार मोटा और रंग संतरी होता है। खाने में रसीला और मज़ेदार होता है। इसमें टी एस की मात्रा 12 प्रतिशत होती है और औसतन भार 800 ग्राम होता है। यह फल वाली मक्खी के हमले का मुकाबला करने वाली किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 65 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।

 

 

जमीन कि तयारी

मिट्टी के भुरभुरा होने तक जोताई करें। उत्तरी भारत में इसकी बिजाई फरवरी के मध्य में की जाती है। उत्तरी पूर्वी और पश्चिमी  भारत में बिजाई नवंबर से जनवरी में की जाती है। खरबूजे को सीधा बीज के द्वारा और पनीरी लगाकर भी बोया जा सकता है।

 

बिजाई

बिजाई का समय

खरबूजे की बिजाई के लिए मध्य फरवरी का समय सही माना जाता है।

 

फासला

प्रयोग करने वाली किस्म के आधार पर 3-4 मीटर चौड़े बैड तैयार करें। बैड पर प्रत्येक क्यारी में दो बीज बोयें और क्यारियों में 60 सैं.मी. का फासला रखें।

 

बीज की गहराई

बिजाई के लिए 1.5 सैं.मी. गहरे बीज बोयें।

 

बिजाई का ढंग

इसकी बिजाई गड्ढा खोदकर और दूसरे खेत में पनीरी लगाकर यह ढंग प्रयोग कर सकते हैं।

 

पनीरी लगा कर : जनवरी के आखिरी सप्ताह से फरवरी के पहले सप्ताह तक 100 गज की मोटाई वाले 15 सैं.मी. x12सैं.मी. आकार के पॉलीथीन बैग में बीज बोया जा सकता है। पॉलीथीन बैग में गाय का गोबर और मिट्टी को एक जितनी मात्रा में भर लें। पौधे फरवरी के आखिर या मार्च के पहले सप्ताह बिजाई के लिए तैयार हो जाते हैं। 25-30 दिनों के पौधे को उखाड़कर खेत में लगा दें और पौधे खेत में लगाने के तुरंत बाद पहला पानी लगाना चाहिए।

 

बिज

बीज की मात्रा

एक एकड़ में बिजाई के लिए 400 ग्राम बीजों की आवश्यकता होती है।

बीज का उपचार

बिजाई से पहले कार्बेनडाज़िम 2 ग्राम से प्रति किलो बीज का उपचार करें। रासायनिक उपचार के बाद ट्राइकोडरमा विराइड 4 ग्राम से प्रति किलो बीज का उपचार करें। बीजों को छांव में सुखाएं और तुरंत बिजाई कर दें।

 

खरपतवार नियंत्रण

पौधे के विकास के शुरूआती समय के दौरान बैड को नदीनों से मुक्त रखना जरूरी होता है। सही तरह से नदीनों की रोकथाम ना हो तो फल बोने से 15-20 दिनों में पैदावार 30 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इस दौरान गोडाई करते रहना चाहिए। नदीन तेजी से बढ़ते हैं। इसलिए 2-3 गोडाई की जरूरत पड़ती है।

 

सिंचाई

गर्मियों के मौसम में हर सप्ताह सिंचाई करें। पकने के समय जरूरत पड़ने पर ही सिंचाई करें। खरबूजे के खेत में ज्यादा पानी ना लगाएं। सिंचाई करते समय, बेलों या वानस्पति भागों विशेष कर फूलों और फलों पर पानी ला लगाएं। भारी मिट्टी में लगातार सिंचाई ना करें, इससे वानस्पति भागों की अत्याधिक वृद्धि होगी। अच्छे स्वाद के लिए कटाई से 3-6 दिन पहले सिंचाई बंद कर दें या कम कर दें।

पौधे की देखभाल

हानिकारक कीट और रोकथाम

चेपा और थ्रिप्स : यह कीड़े पौधे के पत्तों का रस चूस लेते हैं जिससे पत्ते पीले पड़ जाते हैं और लटक जाते हैं। ये कीड़े पत्तों को ऊपर की तरफ मोड़ देते हैं। यदि खेत में इसका हमला दिखे तो थाइमैथोक्सम 5 ग्राम को 15 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें और स्प्रे करने के 15 दिन बाद डाइमैथोएट 10 मि.ली. + टराइडमोरफ 10 मि.ली. को 10 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।

फल की मक्खी : यह बहुत नुकसानदायक कीड़ा है। मादा मक्खी फल की ऊपर वाली सतह पर अंडे देती है और बाद में वे कीड़े फल के गुद्दे को खाते हैं। जिस कारण फल गलना शुरू हो जाता है।

प्रभावित फल को खेत में से उखाड़कर नष्ट कर दें। यदि नुकसान नज़र आये तो शुरूआती समय में नीम सीड करनाल एकसट्रैट 50 ग्राम को प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। 10 दिनों के फासले पर 3-4 बार मैलाथियॉन 20 मि.ली.+100 ग्राम गुड़ को 10 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करते रहें।

अचानक सूखा : यह फसल की किसी भी अवस्था पर हमला कर सकता है। पौधा कमज़ोर हो जाता है और शुरूआती अवस्था में पौधा पीला हो जाता है। गंभीर हमले में पौधा पूरी तरह सूख जाता है।

खेत में पानी ना खड़ा होने दें। प्रभावित भागों को खेत से दूर ले जाकर नष्ट कर दें। ट्राइकोडरमा विराइड 1 किलो को 50 किलो रूड़ी की खाद के साथ मिलाकर डालें। यदि इसका हमला दिखे तो मैनकोजेब या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 2.5 ग्राम या कार्बेनडाज़िम या थियोफनेट मिथाइल 1 ग्राम को प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।

 

एंथ्राक्नोस : एंथ्राक्नोस से प्रभावित पत्ते झुलसे हुए दिखाई देते हैं।

इसकी रोकथाम के लिए कार्बेनडाज़िम 2 ग्राम से प्रति किलो बीज का उपचार करें। यदि खेत में इसका हमला दिखे तो मैनकोजेब 2 ग्राम या कार्बेनडाज़िम 0.5 ग्राम को प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।

फसल की कटाई

हरा मधु किस्म की कटाई उस समय करें जब फल पीले रंग के हो जायें। दूसरी किस्मों की कटाई मंडी की दूरी के अनुसार की जाती है। यदि मंडी की दूरी ज्यादा हो तो जब फल हरे रंग का हो तब ही कटाई कर देनी चाहिए। यदि मंडी नज़दीक हो तो फल आधा पकने पर ही कटाई करनी चाहिए। जब तना थोड़ा सा ढीला सा नज़र आये उसे हाफ स्लिप कहते हैं।

कटाई के बाद

कटाई के बाद फलों का तापमान और गर्मी कम करने के लिए उन्हें ठंडा किया जाता है। फलों को उनके आकार के हिसाब से बांटा जाता है। खरबूजों को कटाई के बाद 15 दिनों के लिए 2 से 5 डिगरी सैल्सियस तापमान और 95 प्रतिशत पर रखा जाता है इसके बाद जब यह पूरा पक जाता है तो इसे 5 से 14 दिनों के लिए 0-2.2 डिगरी सैल्सियस तापमान और 95 प्रतिशत नीम में रखा जाता है।

 

 

इस सत्र के लिए हम किसानों की सुविधा के लिए, यह जानकारी अन्य किसानों की सुविधा के लिए लेख आप krushisamrat1@gmail.com ई-मेल आईडी या 8888122799 नंबर पर भेज सकते है, आपके द्वारा सबमिट किया गया लेख / जानकारी आपके नाम और पते के साथ प्रकाशित की जाएगी।

Tags: Do this by cultivating the melon ...ऐसे करे खरबूजा की खेती...
Team Krushi Samrat

Team Krushi Samrat

Related Posts

मसूर उत्पादन की उन्नत तकनीक
हिन्दी

मसूर उत्पादन की उन्नत तकनीक

January 31, 2020
ठंड के मौसम में पशुपालन कैसे करें ?
शेतीपुरक उद्योग

ठंड के मौसम में पशुपालन कैसे करें ?

December 24, 2019
फसलों के साथ पोपलर (Populus) वृक्ष की खेती
हिन्दी

फसलों के साथ पोपलर ( Populus ) वृक्ष की खेती

November 22, 2019

ताज्या बातम्या

लसून लागवडीसाठी जाणून घ्या अनुकूल हवामान व विविध वाण
शेती

लसून लागवडीसाठी जाणून घ्या अनुकूल हवामान व विविध वाण

by Team Krushi Samrat
October 22, 2020
शाश्वत शेतीसाठी मसाला पिके व सुगंधी वनस्पतीची लागवड करावी
शेती

शाश्वत शेतीसाठी मसाला पिके व सुगंधी वनस्पतीची लागवड करावी

by Team Krushi Samrat
October 22, 2020
रब्बी हंगामात ‘मोहरी’चे पीक फायद्याचे
शेती

रब्बी हंगामात ‘मोहरी’चे पीक फायद्याचे

by Team Krushi Samrat
October 16, 2020
परतीच्या पावसाने हिरावला शेतकऱ्यांच्या तोंडाशी आलेला घास
शेती

परतीच्या पावसाने हिरावला शेतकऱ्यांच्या तोंडाशी आलेला घास

by Team Krushi Samrat
October 16, 2020
खुल्या बाजारात सोयाबीनला मिळतोय अवघ्या दीड हजारांचा भाव
शेती

खुल्या बाजारात सोयाबीनला मिळतोय अवघ्या दीड हजारांचा भाव

by Team Krushi Samrat
October 15, 2020
कमी खर्चात, कमी त्रासात घ्या ‘झेंडू’चे पिक
शेती

कमी खर्चात, कमी त्रासात घ्या ‘झेंडू’चे पिक

by Team Krushi Samrat
October 15, 2020
२०२०-२१ च्या शासकीय खरीप पिकांचे दर निश्चित
शासकीय योजना

२०२०-२१ च्या शासकीय खरीप पिकांचे दर निश्चित

by Team Krushi Samrat
October 10, 2020
अतिपाऊस,कीटकांच्या हल्ल्यामुळे सोयाबीनचे मोठे नुकसान
शेती

अतिपाऊस,कीटकांच्या हल्ल्यामुळे सोयाबीनचे मोठे नुकसान

by Team Krushi Samrat
October 10, 2020
करा शेवग्याची लागवड आणि मिळावा चांगले उत्पन्न
शेती

करा शेवग्याची लागवड आणि मिळावा चांगले उत्पन्न

by Team Krushi Samrat
October 10, 2020
Prev Next

About us

Krushi Samrat

कृषी सम्राट हा शेतकऱ्यांसाठी शेतकरी पुत्राने सुरु केलेला एक समूह आहे. आपल्या शेतकऱ्यांना जगभरातील शेतीविषयी माहिती मोफत मिळावी हाच यामागचा एक उद्देश आहे.

Browse by Category

  • Uncategorized
  • अवजारे
  • आयुर्वेदिक नुस्खे
  • कायदा
  • कृषीसम्राट सल्ला
  • तंत्रज्ञान
  • प्रेरणा
  • प्रेरणादायक गोष्टी
  • बातम्या
  • यशोगाथा
  • व्हिडिओ
  • शासकीय योजना
  • शेती
  • शेतीपुरक उद्योग
  • हवामान
  • हिन्दी

Recent News

लसून लागवडीसाठी जाणून घ्या अनुकूल हवामान व विविध वाण

लसून लागवडीसाठी जाणून घ्या अनुकूल हवामान व विविध वाण

October 22, 2020
शाश्वत शेतीसाठी मसाला पिके व सुगंधी वनस्पतीची लागवड करावी

शाश्वत शेतीसाठी मसाला पिके व सुगंधी वनस्पतीची लागवड करावी

October 22, 2020
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

© 2020 Powered by Tech Drift Solutions.

No Result
View All Result
  • होम
  • शेती
  • शेतीपुरक उद्योग
  • शासकीय योजना
  • यशोगाथा
  • कायदा
  • अवजारे
  • तंत्रज्ञान
  • हवामान
  • व्हिडिओ
  • हिन्दी

© 2020 Powered by Tech Drift Solutions.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In